इस कहानी का आगाज़ एक साल पहले तब हुआ था, जब कानपुर के करोड़पति टीचर राजेश गौतम ने अपना मकान बनवाने का ठेका एक राजमिस्त्री शैलेंद्र सोनकर को दिया था... मकान बन रहा था. घर में शैलेंद्र सोनकर का रोज आना-जाना होता था...कभी मजदूरों का पेमेंट लेना हो या फिर कभी सीमेंट,रेत,लोहे,गिट्टी की बात करनी हो..कभी मकान के डिजाईन पर चर्चा... इसी दौरान उसकी मुलकात टीचर राजेश की पत्नी उर्मिला उर्फ पिंकी से हुई.... पिंकी पोस्ट ग्रेजुएट होने के साथ-साथ बी.एड पास है. वो खूबसूरत भी है...लिहाजा, कांट्रेक्टर शैलेंद्र उस पर फिदा हो गया. उधर, पिंकी भी खुद पर काबू नहीं रख पाई और शैलेंद्र के छलावे में फंसती चली गई.... इसके बाद शैलेंद्र घर में ही पिंकी के साथ दोनों के बीच संबंध बन गए. कुछ महीनों तक तो ये सब चलता रहा...लेकिन दोनों इस नाजायज़ ताल्लुकात के रास्ते पर काफी आगे निकल गए